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अब हम हो ही चुके तेरे , अमिता दीदी

अब हम हो ही चुके हैं सनम तेरे
ले मेरी हंसी दे दे मुझे गम तेरे

तेरी ख़ुशी अब मुझे मेरी से भी प्यारी है
दर्द देतें हैं मुझे अब सारे गम तेरे
अब तो हो ही चुके........

तू तो मेरी हर धड़कन में ही बस रहा है
हटा दो दरमियाँ वाले अब ये चिलमन तेरे
अब तो हो ही चुके......

रूह महक रही अब खुशबू से तेरी
अश्क़ भी बन गए शबनम छूने से तेरे
अब तो हम हो ही चुके......

तेरे एहसासों ने ही जिन्दा रखा है हमको
दफन हैं गम दिल में अब हमदम मेरे
अब तो हम हो ही चुके.......

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