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Showing posts from January, 2020

उड़ी हुई सुगन्ध , तृषित

*उड़ी हुई सुगन्ध* भीतर के चन्दन स्वरूप श्रीयुगल रसिले है सो भीतर चन्दन को घीसा नहीं जाता फुलवत गीली मधुरिमा उसे अन्य ताप स्पर्श से सुगन्ध होकर उड़ती है ।  अर्थात भीतर चन्दन घीसते नहीं है , मथन करते है ...रसिले सुगन्धित फल की तरह । कुछ फल सुगन्ध चुरा लेते है जैसे आम। ऐसे ही चन्दन की भीगी फूली वल्लरी रस मन्थन से आह्लादित होकर भीतर के सम्पूर्ण दर्शन क्षेत्र अर्थात निकुँज को अपनी शीतल सुगन्धों से सजा रही हो । फूली हुई वल्लरी का रस फल वत मैन सुगन्ध होकर टपकती सुंगधे । भीतर रँग रसवत है अर्थात तरल और रस सुगन्धों से भरा है ।सुगन्धे नासिका को तरल मधुता सुलभ कराने वाला रस है । नासिका पर झूमती बेसर पिघले बिना कैसे रहें , यहाँ कुंदन-रत्न मणियाँ भी चन्दन होकर पिघलकर भीतर-बाहर दौड़ना चाहती है नासिका सुगन्ध भरें फूलों में जीवन लेती हुई तितली(अलि) रचना चाहती है । नाचती रँगीली की रसिली तितलियाँ सुगन्ध होकर चिपटी हो इस कन्दरा (नासिका) कुँज के द्वार पर कुछ भीतर और बाहर ललित धुँध होकर । कन्दराओं के भीतर चिपटी चमगादड़ का भाग्य देखकर मैं तितली कौनसी हद से अपने हिय फूल के भीतर यूँ चिपटी रहूँ । कोई तितली कृष्ण न

कृष्णअनुरागिनी राधा

कृष्णअनुरागिनी राधा कृष्णानुरागिनी श्रीराधा कृष्णसुवासिनी श्रीराधा कृष्णमाधुरी श्रीराधा कृष्णसागरी श्रीराधा कृष्णामहोदधि श्रीराधा कृष्णपयोधि श्रीराधा कृष्णवल्लरी श्रीराधा कृष्णचातुरी श्रीराधा कृष्णआनन्दा श्रीराधा कृष्णसुगन्धा श्रीराधा कृष्णभामिनी श्रीराधा कृष्णस्वामिनी श्रीराधा कृष्णप्रेममूर्ति श्रीराधा कृष्णरसापूर्ति श्रीराधा कृष्णमनोहरा श्रीराधा कृष्णसुखसारा श्रीराधा कृष्णविलासिनी श्रीराधा कृष्णहियवासिनी श्रीराधा कृष्णतरँगा श्रीराधा कृष्णसुखसङ्गा श्रीराधा कृष्णाराधिका श्रीराधा कृष्णसुखसाधिका श्रीराधा कृष्णतरंगिनी श्रीराधा कृष्णसंगिनी श्रीराधा कृष्णसुखराशिनी श्रीराधा कृष्णकृष्णभाषिणी श्रीराधा कृष्णसमाहित श्रीराधा कृष्णउरराजित श्रीराधा कृष्णहियमोहिनी श्रीराधा कृष्णउरसोहिनी श्रीराधा कृष्णवामांगिनी श्रीराधा कृष्णसुगन्धिनी श्रीराधा जोई कृष्ण सो राधा होई कृष्ण राधा को भेद न कोई रटना लगै नित्य युगलनाम बाँवरी युगल चरण विश्राम

जयजय रससारिणी राधा राधा

जयजय रससारिणी *जयजय रससारिणी राधा राधा* *जयजय रसविस्तारिणी राधा राधा* *जयजय नवलकिशोरी राधा राधा* *जयजय विमलमाधुरी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय मृदुल सलोनी राधा राधा* *जयजय चपल तरंगिणी राधा राधा* *जयजय पियउरधारिणी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय हियसुरंगिनी राधा राधा* *जयजय निकुँजउमगिनी राधा राधा* *जयजय केलिरसझरिणी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय नवललितभामा राधा राधा* *जयजय सुखविपिनधामा राधा राधा* *जयजय विपुलविनोदिनी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय केलिप्रवीणे राधा राधा* *जयजय प्रिया रसनवीना राधा राधा* *जयजय शरदवर्षिणी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय विलासरागिनी राधा राधा* *जयजय केलिकामिनी राधा राधा* *जयजय रासबिहारिणी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय छैलछबिली राधा राधा* *जयजय रासरसीली राधा राधा* *जयजय कुँजश्रृंगारिणी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा*