आज सखि शीत भयौ सुखदाई ।
प्रिया पद कमल बिहारी चाँपत सुमिरि सुरति मन भाई ।१।
केसर हिना मुश्क कस्तूरी सेज रही मँहकाई ।
अति कोमल मखतूली गादी भरकत मत्त रजाई ।२।
मधुर मंद उष्मा सिगडी की तन तप रुचि अधिकाई ।
कोक प्रवीन किशोर किशोरी विबस मदन सकुचाई ।३।
चाँपत प्रीति परस्पर बाढी तन मन मचल मिलाई ।
श्री राधा चरण दासि हित स्वामिनि लिए लाल लिपटाई ।४।
सभार-श्री हरिदास कृपा से
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
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