तुम ही कहो ,
क्या आये नहीँ
अपनी आँखों से पूछो
क्या सूदन पाये नहीँ
अपने कर्ण पट को हिला कर देखो
क्या वंशुलि के स्वर थके तो नहीं
यें खोजती नासिका से पूछो
क्या महक से कभी यें कही ठहरी तो नहीँ
अपनी साँसो से पूछो
कही कोई परम् परमाणु उनमें छिपा तो नहीँ
अपनी रसना को पकड़ो
क्या कभी प्रसाद में उसने कुछ विशेष छुआ तो नहीँ
और फिर पूछो
वो कौन से शब्द है जिन्हें
वह जीवन सौंप आई ...
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
Comments
Post a Comment