*श्रीनवद्वीप गौर धाम महिमा* जय जय जय श्रीनवद्वीप धाम। गौरनिताई नाम जहां गूँजे आठोंयाम।।1 गौरचन्द्र की लीला भूमि वृन्दावन स्वरूप। युगल श्यामाश्याम यहाँ धरे गौर कौ रूप।।2 सीतानाथ अद्वैत प्रभु किये हरि सौं मनुहार। कलिताप हरण कौ प्रभु लेयो आप अवतार।।3 जन्म लियो विप्रवंश में निमाई भयो नाम। शचिनन्दन सुत भ्यै गौरांग वितरित किये हरिनाम।।4 फाल्गुनी पूर्णिमा भई सूर्यग्रहण जब आय। हरि हरि की ध्वनि जब हर कोई मुख सौं गाय।।5 प्रकटे हरि आप ही चाखन भक्ति कौ स्वाद। हरि हरि नाम सुन हृदय भरयौ आह्लाद।।6 बाल रूप लीला किये बाल गोपाल समान। नदिया बिहारी निमाई भ्यै नदिया के उर प्राण।।7 हरि हरि कौ नाम सुन हँसे बालक रोना छोड़। हरिनाम की लग गयी सकल नादिया होड़।।8 गोद लेह लेह लाड़ करैं नारी नदिया की सारी। जिस भाँति गोपी प्रेम रह्यौ कृष्ण जन्म अवतारी।।9 हरिनाम कौ स्वाद लये विशम्भर कौ भ्राता। गौर नाम उच्चरण सौं सदा कलिताप नसाता।।10 बालरूप लीला अनेक कीन्हीं कृष्ण समान। गंगा तट क्रीडित हरि सोई कृष्ण यमुन समान।।11 हरे कृष्ण कौ नाम सदा मुख राखै हरि गौर। हरिनाम जपत साँझ भ्यै हरिनाम जपै भोर।।12 गंगा त