न
नहीं दिखता तुम्हें
न सुनते हो तुम
न कोई चाह
न कोई तलब ही
न उत्कण्ठा
न पीड़ा
न कोई तृषा ही
तुम तो हो पूरक खुद के
न चाहिए तुम्हें कोई पूर्णा कभी
न
मत देखो यहां
कहाँ कोई अधूरी चाहत तुम्हारी दम तोड़ रही
मत सुनो तुम आवाज़
किसी के बेज़ुबान हृदय के टूटने की
न मत सुनो
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
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