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अजब ज़ुल्म करती है आपकी याद मुझपर - सलोनी जी

अजब जुल्म करती हैं
आपकी यादें मुझ पर
सो जाऊँ तो उठा देती हैं 
जाग जाऊँ तो रुला देती हैं
मैं सोना चाहती हूँ
पर अब मुझे नींद नहीं आती
मैं रोना चाहती हूँ
पर रो नहीं पाती
मुझे कुछ कहना होता है
पर अब कह नहीं पाती
मैं पाना चाहती हूँ उनको
पर तड़प कर ही रह जाती
मैं अक्सर अपने गम खुद ही बढ़ा लेती हूँ
तेरी याद सीने लगा दिल में बिठा लेती हूँ
बस मुस्करा देते खुश हो जाती है तबियत मेरी
कृष्ण इश्क करते हो कि इलाज करते हो

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