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एक तेरे चेहरे के सिवा अब कोई चेहरा अच्छा नही लगता , सलोनी जी

एक तेरे चेहरे के सिवा अब
कोई चेहरा अच्छा नही लगता
प्रभु ये इश्क है या है कोई मर्ज़
कि कुछ अच्छा नही लगता
कुछ ऐसा करो कान्हा कि
रह जाओ उम्रभर के लिये
तेरा आना पलभर में चले जाना
मुझे अच्छा नही लगता
ये भक्ति है जो तोड़ देती है
ज़माने के बंधन सारे
इस जमाने की
रस्मों-रिवाज़ को निभाना
कभी अच्छा नही लगता
भजनों में तुझे याद करना
दिल की ख्वाइश है कन्हैया
मुझे अब तेरे अलावा
कुछ अच्छा नही लगता

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