मैं मंदिर में आइ हूँ तेरे लिए
श्याम बंशी वजा आज मेरे लिए
कितने जन्मों की प्यासी है दासी तेरी
आज हर ले हरि हर उदासी मेरी
मैंने संग तेरे ही सात फेरे लिए
श्याम.......
आज मन में दर्द है तू न बेदर्द बन
मेरी मर्ज़ी है तू मेरा हमदर्द बन
मैंने घर आके ही तेरे डेरे लिए
श्याम.......
मेरे घनश्याम सुन, मेरे श्री राम सुन
मेरे भगवान सुन हे परम धाम सुन
खोल दे अब गौलोक-धाम के द्वार मेरे लिए
श्याम .......
मैं मंदिर .........
श्याम बंशी........
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