रूप अति रसावनि ।
युगलधरामृत नित् रस पावनि ।
नित् पल निमिष किशोरी संगिनी ।
अद्भुत प्रखर मधुर केलि दर्शिनी ।
रूप संग पावै युगल संग कृपामृत वर्षिणी ।
रूप जानत रूप युगल छब स्रूप रूपिणी ।
तृषित पायो रूप प्रसादी युगल दिव्य रस तरंगिणी ।
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
Comments
Post a Comment