मत देखो ऐसे
मैं खो जाती हूँ
कैसे चाहने वाले हो
मैं रोती हूँ
तुम मुस्करा देते हो
देखते देखते तुम्हें
मेरी प्राणों पे बन आती है
और तुम आनंदित होते हो
कोई विकल्प नहीं बचता है
मैं अश्रु बिंदु जल भर में डूब जाती हूँ
कहो कैसा ये प्रेम है तुम्हारा
दरस कर कर भी प्यासी ही रहती हूँ
तुम हो अजब खरीदार सांवरे
बेमोल ही बिक जाती हूँ
आप चोरों की सरकार
आपका तो विनोद होता है
और मेरा चित्त बहक जाता है
भूल जाती हूँ लाज सब हया
तुम्हारी इक झलक पर मैं लुट जाती हूँ
क्यों रंगीले सैंया तुम
वक्त बेवक्त आँखों में आ समाते हो
उतरते हो भीतर यूँ
हस्त यंत्र चालित कर देते हो
तुम्हारी अलबेली अलकावली पे
भाव विमोहित हो जाती हूँ
देहभान भूल कर सब
तेरे आगोश में आ जाती हूँ
लगता है इस दुनिया की नहीं मैं
जाने कहाँ किस जहां में खो जाती हूँ
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ छैल छबीलौ, गुण गर्बीलौ श्री कृष्णा॥ रासविहारिनि रसविस्तारिनि, प्रिय उर धारिनि श्री राधे। नव-नवरंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा॥ प्राण पियारी रूप उजियारी, अति सुकुमारी श्री राधे। कीरतिवन्ता कामिनीकन्ता, श्री भगवन्ता श्री कृष्णा॥ शोभा श्रेणी मोहा मैनी, कोकिल वैनी श्री राधे। नैन मनोहर महामोदकर, सुन्दरवरतर श्री कृष्णा॥ चन्दावदनी वृन्दारदनी, शोभासदनी श्री राधे। परम उदारा प्रभा अपारा, अति सुकुमारा श्री कृष्णा॥ हंसा गमनी राजत रमनी, क्रीड़ा कमनी श्री राधे। रूप रसाला नयन विशाला, परम कृपाला श्री कृष्णा॥ कंचनबेली रतिरसवेली, अति अलवेली श्री राधे। सब सुखसागर सब गुन आगर, रूप उजागर श्री कृष्णा॥ रमणीरम्या तरूतरतम्या, गुण आगम्या श्री राधे। धाम निवासी प्रभा प्रकाशी, सहज सुहासी श्री कृष्णा॥ शक्त्यहलादिनि अतिप्रियवादिनि, उरउन्मादिनि श्री राधे। अंग-अंग टोना सरस सलौना, सुभग सुठौना श्री कृष्णा॥ राधानामिनि ग
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