🌿🌸~श्यामा प्यारी~🌸🌿
सघन वन खेलत हैं पिय प्यारी।
दोऊन लै कर-में-कर, भ्रमत है क्यारी क्यारी।
गावत गीत मधुर मधमाते खेलत फूल उछारी।
सुन मधुर ध्वनि निज नूपुरण कि शरमावत राधा प्यारी।
पुष्पवन देख दोऊ बैठे पहुँची सखियाँ सारी।
छाड़त नहीं कर श्याम सुंदर को छुड़ावत कृष्ण मुरारी।
सब सखियाँ ये कौतुक देखत है शरमाई भानु दुलारी।
नीचे नयनकर तिरछी चितवन सो निरखे श्यामा प्यारी।
श्याम सुंदर कर ले छुड़ाय लीनो निज नैनन सैन दे मारी।
ढाँप लियो निज मुख दोउ हाथन सों शरमाई पिय की प्यारी।
सब सखियाँ मिल 'विनोद' करतैं , दे दे कर तारी।
🔅~राधे~🔅~राधे~🔅राधे~🔅
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(श्री सत्यजीत'तृषित' जी के व्हाट्स एप ग्रुप के एक प्रमुख सदस्य की रचना)
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