कान्हा
पूछो इस दिल से
कि मैं तुम्हें कितने पैगाम लिखती हूँ
पागल सी हो गयी हूँ हर पल मैं तुम्हारा
नाम लिखती हूँ
वो आँखों से शरारत करते हैं
अपनी अदा से यूँ कयामत करते हैं
निगाहें उनके चेहरे से हटती नहीं
और वो मेरी आँखों को गुनहगार कहते हैं
बेवफा भी नहीं कह सकते प्यारे तुझे
क्योंकि प्यार तो हमने किया है
कान्हा कैसे करुँ शुक्रिया तेरी रहमतों का
मुझे माँगने का सलीका नहीं आता
और तु देने की हर अदा जानता है
क्योंकि तेरी रहमतों की क्या गिनती
तेरे उपकारों का कोई हिसाब नहीं
लिख सके जो उसकी दया की कहानियाँ
ऐसी कोई किताब नहीं
हे श्याम कहो तो फूल बन जाऊँ
सुना है रेत पे चल कर तुम महक जाते हो
कहो तो अबकी बार जमीन की धुल बन जाऊँ
क्योंकि बहुत नायाब होते हैं जिन्हें तुम अपना
कहते हो
इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारी बन
जाऊँ
देखो आज फिर तेरी यादों ने परेशां किया है
आँखें नम और मन व्याकुल हुआ है
मिल कर बिछुड़ने का दर्द सिर पे सवार हुआ है
आज फिर देख मेरी जान हलक पे आई है
तू न आया
आज फिर वही रूसवाई सी छाई है
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ छैल छबीलौ, गुण गर्बीलौ श्री कृष्णा॥ रासविहारिनि रसविस्तारिनि, प्रिय उर धारिनि श्री राधे। नव-नवरंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा॥ प्राण पियारी रूप उजियारी, अति सुकुमारी श्री राधे। कीरतिवन्ता कामिनीकन्ता, श्री भगवन्ता श्री कृष्णा॥ शोभा श्रेणी मोहा मैनी, कोकिल वैनी श्री राधे। नैन मनोहर महामोदकर, सुन्दरवरतर श्री कृष्णा॥ चन्दावदनी वृन्दारदनी, शोभासदनी श्री राधे। परम उदारा प्रभा अपारा, अति सुकुमारा श्री कृष्णा॥ हंसा गमनी राजत रमनी, क्रीड़ा कमनी श्री राधे। रूप रसाला नयन विशाला, परम कृपाला श्री कृष्णा॥ कंचनबेली रतिरसवेली, अति अलवेली श्री राधे। सब सुखसागर सब गुन आगर, रूप उजागर श्री कृष्णा॥ रमणीरम्या तरूतरतम्या, गुण आगम्या श्री राधे। धाम निवासी प्रभा प्रकाशी, सहज सुहासी श्री कृष्णा॥ शक्त्यहलादिनि अतिप्रियवादिनि, उरउन्मादिनि श्री राधे। अंग-अंग टोना सरस सलौना, सुभग सुठौना श्री कृष्णा॥ राधानामिनि ग
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