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ब्रजभाव की पात्रता

ब्रज भाव की पात्रता :
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जो साधकगण धन, स्त्री, मान और इसके संग का पूर्णतया परित्याग करने को कटिबध हो, इन्द्रिय सुख की वासना का सर्वथा त्याग करने को कृतसंकल्प हो, जन संसर्ग में पूर्णतया अरतिकर प्रिया प्रियतम के नाम लीला गुण आदि के अतिरिक्त कुछ भी श्रवण,मनन एवं कथन के प्रति उपरत हों निजसुख‌‌-यहां तक कि मोक्ष तक का त्याग करने की इच्छा किये हों !
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अपने को ब्रज की एक अकिञ्न  किंकरी के अनुगत होकर सेवाभाव का अवलम्बन करने की रुचि रखते हों, नाम-कीर्ति की , लोक परलोक की, किसी भी सद्गति की जिनमें चाह नही हो, वे ही अपने जीवन में कभी प्रिया-प्रियतम की कृपा से इस धाम की झांकी पाने के अधिकारी हो सकते हैं!

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