सन्तवाणी
श्रद्धेय स्वामीजी श्रीशरणानंदजी महाराज
अगर परमात्माके माननेवालोंको परमात्माकी याद नहीं आती, और करनी पड़ती है--यह कोई कम दुःखकी बात है ? यह कम आश्चर्य की बात है ? अरे, मरे हुए बुजुर्गोंकी याद आती है आपको, गये हुए धनकी याद आती है आपको ! तो परमात्मा इतना घटिया हो गया कि उसकी याद आपको करनी पड़े ? ....... याद नहीं आती है इसलिये कि आप उसे अपना नहीं मानते ।
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