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तुम अब आवोगे , तब आवोगे , आँचल सखी जु ।

तुम अब आवोगे,तब आवोगे....
कुछ तो बोलो कब आवोगे??????
प्रेम प्रतिक्षा मुझको,तुमको...दोनो को ही फिर क्यू देरी?मिलन प्रतिक्षा मुझको,तुमको...दोनो को ही फिर क्यू देरी?एक हुए ह्रदय दोनो के
संग ले जाने कब आवोगे???
बैठी उसी कदंब के नीचे,जहाँ बैठा गये थे मुझको
कब से राह उसी रस्ते पर, आने की कह गये जिधर को
बाहँ फैलाकर ले चलने को
कहो जरा तुम कब आवोगे?????
जो रूठे हो तो लड लो प्यारे,फोड दो मटकी दही बिखेरो
यू मौन से होकर,छिपकर मुझसे प्रियतम अब तो मुहँ न फेरो
कुछ जो सुख मिलता था तुमको
वो सुख लेने कब आवोगे??????
प्राणो से प्यारी मै तुम्हरी,प्राणो से प्यारे तुम मेरे
क्यू बार बार फिर किरण दिखा,रह जाते है घनघोर अंधेरे
वो पूरा चंदा,रात पूनम की
कहो रास रचाने कब आवोगे???????
कब आवोगे??????
कब आवोगे?????
बोलो मोहन कब आवोगे??????
बोलो गिरधर कब आवोगे???

वो मुस्कुरा रहे है हमारी हर एक खता पे....
वो खामोश जाने किस बात पे है।
नजर ही नही वो जो दीदार कर ले.....
हैरां से उनकी हम हर इक बात पे है।
अदा नाज उनके करम बन के बिखरे....
और हम बस समेटने की औकात पे है।
न शुक्राना कहा ,न सर ही झुकाया....
और वो मोहब्बत के अंदाज पे है।

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