तू ही बता मनमीत मेरे....
तुझको आखिर लिखू भी क्या???
गजल,गीत कहानी लिखू या परियो की बात पुरानी लिखू...
सागर,कश्ती,लहरे ही लिखू या डूबी हुई पतवार लिखू.....
कजरा,बिंदिया,पलके लिख दू या सुन्दर मोतीहार लिखू.....
तू ही बता ऐ मीत मेरे.....
तुझको आखिर लिखू भी क्या????
बरखा,सावन,पुरवाई लिखू या अलसाई अंगडाई लिखू....
इत्र,गुलाल,कमल लिखू या सुमन भरी बगिया ही लिखू.....
संगीत,गीत,स्वर लिखू या बंशी ध्वनि मधुर लिखू....
तू ही बता ऐ मीत मेरे....
तुझको आखिर लिखू भी क्या???
चकोर ,पपीहा,कोयल लिखू या मतवाला सा भ्रमर लिखू....
उगते सूरज की लाली लिखू या सुर्ख गुलाब का रंग लिखू....
क्या लिख दू खुद को जमी ये मै और तुझको वो आकाश लिखू....
तू ही बता ऐ मीत मेरे...
तुझको आखिर लिखू भी क्या????
तृष्णा का अंबार लिखू या विरह की पीडा अपार लिखू.....
मौन मे छिपता शोर लिखू या गुपचुप सा कोई चोर लिखू....
तुमको लिख दू छलिया या फिर कह दो तो चित्तचोर लिखू.....
तू ही बता ऐ मीत मेरे....
तुझको आखिर लिखू भी क्या????
तुमको लिख दू रस प्रीत ही मै और खुद को नन्हा पात्र लिखू.....
तुम समा सको कहाँ शब्दो मे तो चलो तुमको मोहन"प्यार" लिखू.....
उलझे अटके कुछ लफ्जो मे मै सीधा सा इकरार लिखू....
या तुम ही कहो मनमीत मेरे....
तुमको आखिर लिखू भी क्या????
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ छैल छबीलौ, गुण गर्बीलौ श्री कृष्णा॥ रासविहारिनि रसविस्तारिनि, प्रिय उर धारिनि श्री राधे। नव-नवरंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा॥ प्राण पियारी रूप उजियारी, अति सुकुमारी श्री राधे। कीरतिवन्ता कामिनीकन्ता, श्री भगवन्ता श्री कृष्णा॥ शोभा श्रेणी मोहा मैनी, कोकिल वैनी श्री राधे। नैन मनोहर महामोदकर, सुन्दरवरतर श्री कृष्णा॥ चन्दावदनी वृन्दारदनी, शोभासदनी श्री राधे। परम उदारा प्रभा अपारा, अति सुकुमारा श्री कृष्णा॥ हंसा गमनी राजत रमनी, क्रीड़ा कमनी श्री राधे। रूप रसाला नयन विशाला, परम कृपाला श्री कृष्णा॥ कंचनबेली रतिरसवेली, अति अलवेली श्री राधे। सब सुखसागर सब गुन आगर, रूप उजागर श्री कृष्णा॥ रमणीरम्या तरूतरतम्या, गुण आगम्या श्री राधे। धाम निवासी प्रभा प्रकाशी, सहज सुहासी श्री कृष्णा॥ शक्त्यहलादिनि अतिप्रियवादिनि, उरउन्मादिनि श्री राधे। अंग-अंग टोना सरस सलौना, सुभग सुठौना श्री कृष्णा॥ राधानामिनि ग
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