संग हिय युगल समाय
नैना बावरे इत-उत निहार , छिप जाएं
काहे कहू , कासे कहू
कहत कहत लाज कबहुँ आये कबहुँ जाये
अलबेलो मेहबूब मेरो
अलबेली सी लटक मटक पल हूँ में सिहर जाये
नवलरंगी साजन की पगली बतिया
सुनत सुनत हँसी संग नैनन की नैया डूब जाये
काहे समझो रि तनिक भी सयानो
भ्रमर भृमरी संग लुकाछिपी खेलन पाछे जाए
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