हँसि-हँसि झूलत ड्डूल-हिंडोरें।
प्यारी-प्रीतम ड्डूलनि ड्डूले, ड्डूले उर कर जोरें॥
ड्डूलन कौ लहँगा, ड्डूलन कौ पीतांबर अति सोहै।
ड्डूलन के सिर मुकुट-चंद्रिका देखत ही मन मोहै॥
ड्डूलन के तोसक-तकिया मृदु, ड्डूलनि आसन राजैं।
ड्डूलन के पहिरें भूषन तन सुंदर दोउ बिराजैं॥
ड्डूलत-झूलत दै गर बैयाँ ड्डूले अँग-अँग सारे।
ड्डूले नयन नचावत दोऊ रतनारे अनियारे॥
ड्डूलनि साज सजी सखिगन सब ड्डूलनि माँग सँवारी।
ड्डूल सजे कर ड्डूल-चँवर लै ढुरवति मृदु सखि प्यारी॥
परमानंद झुलावति कर लै ड्डूल रेसमी डोरी।
मृदु-मृदु झोटा देत मुदित मन ड्डूलि रहीं सब गोरी॥
राधा-माधव-नेहरूप सुचि ड्डूलन की ड्डुलवारी।
बाँटि रही सुषमा-सुगंध निज दिय उच्च मनवारी॥
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ छैल छबीलौ, गुण गर्बीलौ श्री कृष्णा॥ रासविहारिनि रसविस्तारिनि, प्रिय उर धारिनि श्री राधे। नव-नवरंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा॥ प्राण पियारी रूप उजियारी, अति सुकुमारी श्री राधे। कीरतिवन्ता कामिनीकन्ता, श्री भगवन्ता श्री कृष्णा॥ शोभा श्रेणी मोहा मैनी, कोकिल वैनी श्री राधे। नैन मनोहर महामोदकर, सुन्दरवरतर श्री कृष्णा॥ चन्दावदनी वृन्दारदनी, शोभासदनी श्री राधे। परम उदारा प्रभा अपारा, अति सुकुमारा श्री कृष्णा॥ हंसा गमनी राजत रमनी, क्रीड़ा कमनी श्री राधे। रूप रसाला नयन विशाला, परम कृपाला श्री कृष्णा॥ कंचनबेली रतिरसवेली, अति अलवेली श्री राधे। सब सुखसागर सब गुन आगर, रूप उजागर श्री कृष्णा॥ रमणीरम्या तरूतरतम्या, गुण आगम्या श्री राधे। धाम निवासी प्रभा प्रकाशी, सहज सुहासी श्री कृष्णा॥ शक्त्यहलादिनि अतिप्रियवादिनि, उरउन्मादिनि श्री राधे। अंग-अंग टोना सरस सलौना, सुभग सुठौना श्री कृष्णा॥ राधानामिनि ग
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