कृष्ण मुरारी: 🌺🌷🌺 *जय श्री कृष्ण*🌺🌷🌺
*पिय को प्यारी आजु झुलाबै री !!*
बिराजै झूलन पै श्याम सुंदर !
प्यारी आजु मृदु झुलाबै री !
देखु री सखी प्यारी परम् प्रेम !
हिय अमिय रस छलकाबै री !!
दोउ कर सो झूलन डोरी धरि !
मधुर हौले हौले डुलाबै री !!
लागै अस प्रेम रस सागर प्यारी !
पिय पै सर्बस रही चढ़ाबै री !!
रस भींज उन्मक्त प्यारे मोहन !
कर धरि बंशी बैन बजाबै री !!
बिलोकत "बिरहनी" सखी दोउन !
रस अनत माधुरी पाबै री !!
.....✍🏻🌹कान्हा बिरहनी
🌺🌷🌺 *जय श्री कृष्ण*🌺🌷🌺
श्यामा छबि लखि अखियन भरी आई !!
उर अंतर अति हुक उठी सौ जिय लगी बौराई !
प्यारी नैननि अलकनि श्यामा सुघर सुखदाई !
भाल भृकुटी कांति दमकै नैनन नाही समाई !
"बिरहनी" इहि मुखचन्द्र पै कोटिन बलिहारी जाई !!
देखूँ सखी प्यारी पिय अंकनी में !
दुहति दोउ गौ रस मिली कै आजु मटिकनि में !
दोउ दोउन कै कर उलझै रस गिरत चहुँ घटिकनि में !
पिय नैन लग्यो टेढ़ो सो प्यारी मुख चटिकनि में !
दोउ बिलोकि बिरहनी बसाबै निज नैननि की पलिकनि में !
हे हरी ! प्यारी मूर्च्छा खाय !!
कैसेहूँ भई पिय टेरत टेरत निज सुध गयी मेटाय !
पिय बिनु कासौ भई इहिं दशा न देखलि जाय !
मोर पखा कर साथ लिये पिय को रही बुलाय !
बिरहनी कान्ह आय मिलूँ अबही न तै होइ जग हँसाय !
हरी प्यारी चरणन पकड़ी , माँगत प्रेम को दान !
नैननि अश्रु बहाय के , सर्बस करी बलिदान !!
जयति जयति जय प्यारे प्यारी ,जय जय उनकर प्यार !
सबहि सखी निरखि निरखि ,दोउन पर बलिहार !!
निंदिया बैरन छाड़ी गयी , बिरहनी परत न चैन !
बाबरी बनी बौरात फिरे , पल पली रहत बेचैन !!
[8/1, 21:46] कृष्ण मुरारी: 🌹🌹जय श्री कृष्ण🌹🌹
*सखी झूले झूले बाँके बिहारी ,*
*बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी...*
चहूँ दिश साबन मास है छाया ,
झूलन उत्सब का रंग है आया ,
झूलन लग गए कदम्ब की डारी...
सखी झूले झूले बाँके बिहारी ,
बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी...
पुष्प लता चहु ओर खिले हैं ,
सब में पिय के रस से मिले हैं ,
हुआ है आज सगरी उजियारी...
सखी झूले झूले बाँके बिहारी ,
बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी...
यमुना तीर आजु झूलन हैं लागे ,
सखियन सबरी पिय झुलाबे ,
बहत हैं शीतल मन्द मन्द बयारी !
सखी झूले झूले बाँके बिहारी ,
बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी...
झूला झूले मेरो बाँके बिहारी ,
मल्हार गाबै "बिरहनी" प्यारी ,
होबै नित हिय से बलिहारी ....
सखी झूले झूले बाँके बिहारी ,
बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी...
सखी झूले झूले बाँके बिहारी ,
बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी...
🌹🌹जय श्री कृष्ण🌹🌹
जिय जलाये निस्ठुर छलिया , नेकहूँ न देबत प्यार !
नैना बरसत जिय तलफत , लोकत चहूँ अंधियार !!
बनी बिरहनी बाबरी सौ , पिय पिय टेरत फिरुँ !
पिय पिय कित हो पिय , पिय बिन बिरहा जरू !!
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