कभी सताए कभी तड़पाए
कभी आए कभी देर लगाए
कभी कहे मैं तेरा
कभी कहे तू मेरी
कभी रूलाए
कभी हसाए
सब रंग हैं उसी के
बाहर भीतर भीतर बाहर
खुद ही नाचे खूब नचाए
कभी विरहअग्नि
तो कभी रससुधा
खुद ही बहे
खुद ही बहाए
गले लगे खुद के
खुद को गले लगाए
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
Comments
Post a Comment