झूला झूले राधा झुलाये मोहन प्यारो
झुलाये मोहन प्यारो श्री नन्द को दुलारो
झूला झूले राधा.......
कदम्बवा की डारी है झूला सजायो
मनमोहन ने श्री राधा को बुलायो
आजा मोरी सजनी तो पर प्राण मैं वारो
झूला झूले राधा......
आ मोरी सजनी सावन ऋतु आई
पपीहा बोले पीहू कोयलिया है गाई
आओ मनमोहिनी प्रीत रंग वारो
झूला झूले राधा.......
सावन है आया देखो छाई है बदरिया
आजा सजनी बुलावे है सांवरिया
आओ प्रिया आज मोरे अंगना पधारो
झूला झूले राधा.......
आ सजनी तोहे झूला झूला दूँ
प्रीत वारा तोहे रंग लगा दूँ
प्रीत को रंग बड़ो उजियारो
झूला झूले राधा......
राधा मनमोहिनी पर बलि बलि जाऊँ
आ श्यामा प्यारी तोहे कारा टीका लगाऊँ
पीत रंग श्यामा श्याम रंग कारो
झूला झूले राधा.........
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