श्यामसुंदर पीताम्बर ओढ़े
नीलाम्बर श्यामा प्यारी जू
सखी जाए के चरण छुए
चूमे दोऊन के पद कमल जी
धोए के फिर चरणामृत खुद पर उंडेले
करे नित प्रेम स्नान री
अखियां खोले देखे मुख छवि
होवे फिर बलिहार जी
सुमन चढ़ाए कोमल चरणों में
करे अर्पण चंदन सुगंधित सिंदूर कुमकुम जी
हो नतमस्तक फिर धरे फल फूल मेवे मिष्ठान भोग प्रसाद जी
सेवा कुंज निकुंज में करे जो भी हो लग्न साथ री
अंगना बुहारे चंवर डुरावे
सखियन संग रहे चित्तचोर के द्वार जी
पाए सखी जो श्यामाश्याम पद सेवा होवे खुद बलिहार जी
अश्रुजल बिन्दु सजा पलकों पर
अधरों से करे प्रेम पुकार जी
नित्य सेवा में नित्य मिलन की
ले लेती है नित्य आशीर्वाद सेवा प्रसादी जी
करे निहोरा श्यामसुंदर से ज़रा हाथ बटावो
सजावो राधे दुलारी को प्रिय
तुम बिन ना कोई प्रिया जु को श्रृंगार कभी पूरा हो
निहार निहार दोऊन को फिर नीर आँखों में भर जावै री
छवि को भर कर नैनों में मन मंदिर में सजावे री
उसी युगल की छवि को पूजते सगरे काज संवारे जी
हुई जब संध्या वेला तब अश्रुजल से विरहन पग धुलाती जी
जुटाकर प्रेम से खिलाकर तुच्छ भोग अपने मलिन हाथों से
फिर मांगे माफी जोड़ हाथ जी
हुई रात्रि में सो जाती मूर्ति प्रेम छवि वाली को हृदय मंदिर से निंदियां में सजा लेती जी
दिवस रैन सखी मिलन विरह विरह मिलन में यूँ कटती या सहज ही निभ जाती जी🙏🏻🙏🏻
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ छैल छबीलौ, गुण गर्बीलौ श्री कृष्णा॥ रासविहारिनि रसविस्तारिनि, प्रिय उर धारिनि श्री राधे। नव-नवरंगी नवल त्रिभंगी, श्याम सुअंगी श्री कृष्णा॥ प्राण पियारी रूप उजियारी, अति सुकुमारी श्री राधे। कीरतिवन्ता कामिनीकन्ता, श्री भगवन्ता श्री कृष्णा॥ शोभा श्रेणी मोहा मैनी, कोकिल वैनी श्री राधे। नैन मनोहर महामोदकर, सुन्दरवरतर श्री कृष्णा॥ चन्दावदनी वृन्दारदनी, शोभासदनी श्री राधे। परम उदारा प्रभा अपारा, अति सुकुमारा श्री कृष्णा॥ हंसा गमनी राजत रमनी, क्रीड़ा कमनी श्री राधे। रूप रसाला नयन विशाला, परम कृपाला श्री कृष्णा॥ कंचनबेली रतिरसवेली, अति अलवेली श्री राधे। सब सुखसागर सब गुन आगर, रूप उजागर श्री कृष्णा॥ रमणीरम्या तरूतरतम्या, गुण आगम्या श्री राधे। धाम निवासी प्रभा प्रकाशी, सहज सुहासी श्री कृष्णा॥ शक्त्यहलादिनि अतिप्रियवादिनि, उरउन्मादिनि श्री राधे। अंग-अंग टोना सरस सलौना, सुभग सुठौना श्री कृष्णा॥ राधानामिनि ग
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