🐚 श्रीनरोत्तम प्रार्थना 🐚
✨हरि हरि ! आर कि एमन दशा हव ।
🔸ए भव संसार त्याजि, परम आनन्दे मजि
✨आर कबे ब्रजभूमे जाव ॥
✨सुखमय वृन्दावन ,कबे हवे दरशन ,से धूलि लागिबे कबे गाय ।
🔸प्रेमे गद गद हैञा ,राधाकृष्ण नाम लैञा कांदिया बेड़ाइब उभराय ॥
✨निभृते निकुञ्जे जाञा,अष्टांगे प्रणाम हैञा डाकिब हा राधानाथ बलि ।
🔸कबे यमुनार तीरे , परश करिब नीरे , कबे पिब करपुटे तुलि ॥
✨आर कबे एमन हब , श्री रासमण्डले जाब कबे गड़ागड़ि दिव ताय ।
🔸वंशी वट छाया पाञा , परम आनन्द हञा , पड़िया रहिब तार छाय ॥
✨कबे गोवर्धन गिरि , देखिब नयन भरि , कबे हबे राधाकुण्डे वास ।
🔸भ्रमिते भ्रमिते कबे , ए देह पतन हबे , कहे दीन नरोत्तमदास ॥
✨ हे हरि ! हे कृष्ण ! कभी ऐसी भी स्थिति होगी कि मैं इस संसार को त्याग कर श्रीवृन्दावन धाम में वास के परम आनन्द में निमग्न हूँगा ????
🔸 हे हरि ! उस सुखमय वृन्दावन के कब मुझे दर्शन होंगें और कब उसकी पावन धूलि मेरे शरीर पर विभूषित होगी ? प्रेम में गदगद कण्ठ होकर मैं कब " श्रीराधा " "श्रीकृष्ण " नामों का उच्चारण करते हुए उच्च स्वर में रोता हुआ इधर-उधर डोलूँगा कब??
✨ श्री धाम वृन्दावन की निभृत निकुञ्ज में जाकर साष्टांग प्रणाम करते हुए मैं कब पुकारूँगा -- " हे राधानाथ ! हे राधारमण ! " कब यमुना किनारे जाकर मैं पावन जल का स्पर्श करूँगा और अंजलि भरकर पान करूँगा ??
🔸 हाय ! ऐसा दिन कब आयेगा जब मैं रासमण्डल पर जाकर वहाँ लोट-पोट हूँगा ? वंशीवट की छाया तले कब जाकर परम आनन्द पूर्वक पड़ा रहूँगा ??
✨ अहो ! कब नेत्र भरकर श्रीगिरिराज के मैं दर्शन करूँगा ? कब श्रीराधाकुण्ड पर वास होगा ? इस प्रकार ब्रजमण्डल में घूमते-घूमते कब मेरा यह देह पात होगा ? मैं दीन नरोत्तम बस यही प्रार्थना करता हूँ....... !!
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🐚 राधे राधे जी 🌹 🌹 🐚
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