💢💢💢💢💢💢💢💢💢💢💢💢💢 ➡ मनीषा पञ्चकं की सीख ➡ जिसने अपने गुरु के वचनों से यह निश्चित कर लिया है कि परिवर्तनशील यह जगत अनित्य है । जो अपने मन को वश में करके शांत आत्मना है । जो ...
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 पाती प्रभु के नाम 📝📝📝 हे रघुवीर ! हे स्वामी ! कौन - सा मुहँ लेकर आपसे कुछ कहूँ ? स्वामीकी दुहाई है, जब मैं अपनी करनीपर विचार करता हूँ, तब संकोचके मारे चुप हो रह...
हे श्रीकिशोरी राधिके जू !मेरे अनंत अपराधो के लिऐ मैं आपसे क्षमा-प्रार्थी हूॅ ।�। ।मैं तुम्हारा अज्ञानी और अबोध बालक हूॅ और तुम ही मेरी माॅ हो ।अनादि काल से अनंत जन्मो में म...
॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ प्रेमीका प्रेमास्पदकी तरफ और प्रेमास्पदका प्रेमीकी तरफ प्रेमका एक विलक्षण प्रवाह चलता रहता है । उनका नित्ययोगमें वियोग और वियोगमें नित्ययोग--इ...
॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ ‘मेरा भगवान्में ही प्रेम हो जाय’—इस एक इच्छाको बढ़ायें । रात-दिन एक ही लगन लग जाय कि मेरा प्रभुमें प्रेम कैसे हो ? एक प्रेमके सिवाय और कोई इच्छा न रहे, ...
॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ ‘मेरा भगवान्में ही प्रेम हो जाय’—इस एक इच्छाको बढ़ायें । रात-दिन एक ही लगन लग जाय कि मेरा प्रभुमें प्रेम कैसे हो ? एक प्रेमके सिवाय और कोई इच्छा न रहे, ...
प्रीतम का झुंझुना (खिलौना) खिलौना कितना ही छोटा हो उसमें भोक्ता को देने के लिये रस है | जीवन एकरंग मंच है ! और हमें अभिनय करना है ! देह केवल अभिनय हेतु है ! और इस अभिनय को इस तरह करना...
आशा , निराशा और पिपासा ... क्यो ? से मुक्ति अध्यात्म में अनिवार्य है ! क्यों ? से निवृत हो कर ही भगवत् पथ खुलता है ! तब ही जिज्ञासा प्राप्त होती है ... तर्क वितर्क हो कर गर्भ में ले जायेग...