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बदरा अगन लगावे , आशु अलबेली जु

बदरा अगन लगावे हरसु
घन दामिनी लिप्टे अन्ग सन्ग हरसु
केलि कुन्ज निकुन्ज नव भिनि छकि रसिलि हरसु
रस्मत युगल रस जिवनि जिवे राग रागिनि हरसु
सुरति रस रंग मधुर चाकरि प्रियतम करत पिया जु
कन्चुकि कसन वसन सब छुटे उरोज जोशिले शिथिल सु
चपल नैयन होत भान्वरे करत विहार सखियन जु

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