बदरा अगन लगावे हरसु
घन दामिनी लिप्टे अन्ग सन्ग हरसु
केलि कुन्ज निकुन्ज नव भिनि छकि रसिलि हरसु
रस्मत युगल रस जिवनि जिवे राग रागिनि हरसु
सुरति रस रंग मधुर चाकरि प्रियतम करत पिया जु
कन्चुकि कसन वसन सब छुटे उरोज जोशिले शिथिल सु
चपल नैयन होत भान्वरे करत विहार सखियन जु
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
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