नैनन ही नैन कहै बैन प्यारे प्यारीजु,हसी खुशी मान दुई नैना ही जतावै है।
खिलावै झरोखै खड्यौ लाडली शुक हू,चपल मोहन खौल झरोखा उडावै है।
नैनन तरेर तीखै कछु लली दैखिहै,लाल नैन नैन हु बिनय सुनावै है।
करत हु मान अनमनी भयी राधिकै,नैन फिरायै कछु मुख हु घुमावै है।
रसीलै अधर रस भरै दु कपोलन पै,लाल धरै लली कौ मान छुडावै है।
प्यारी रस लीला दुई रसिकबर दैखिहै,नैनन ही नैनन खिलौनै बतियावै है।
॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...
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