रसीलौ जुगल जौरी रसभरौ निकुंज मा बैठ्यौ है।लालजु के हाथन मा एकौ सुर्ख कछु अधिक ही खिलौ गुलाब है।जा सौ लालजु लाडलीजु के कपोलन,अधरन कू गुदगुदाय रह्यौ। या ऐसौ कह लिजौ मनुहार क...
लाडलीजु वृक्ष की इस अधिक नीची से डाल से झुक झुक,झाँक झाँककर सामने जरा दूरी पर खडै लालजु को देख रही है।जरा सा देख फिर छुप जाती है।सामने लालजु अपनी चिर परिचित त्रीबंकी अदा से ...
युगल लाडले निकुंज की इस शैय्या पर ऐसे बैठे है,की सिराहने के दाई ओर लाल जु व बाई ओर लली जु है।दोनो के चरण नीचे लटके हुए पर भूमि को नही छू रहे है।दोनो पैर समांतर नही एक कुछ ऊपर व एक...
मोरकुटी युगल लीलारस-22 जय जय श्यामाश्याम !! श्यामा श्यामसुंदर जु भावभावित होकर हंस हंसिनी द्वारा गाए जा रहे परम सुखमय पद्दराग आदि सुन रहे हैं।सखियों व श्यामा श्यामसुंदर ज...
मोरकुटी युगलरस लीला-21 जय जय श्यामाश्याम !! नृत्य क्रीड़ा के बाद युगल हंस हंसिनी के जोड़े की रसक्रीड़ा में निमग्न हैं।हंस हंसिनी बारी बारी से श्यामा श्यामसुंदर जु के प्रति ग...
हमारे युगल सरकार,कितने प्रेमी है न ये।परस्पर नयनो मे डूब जाते है,तब कितना समय हुआ,कहाँ हुआ कुछ सुध न रहती है। जब युगल परस्पर नयनो मे डूबते तरते रहते है तब पलक गिरना युग सा हो ज...
इन कुंज निकुंजो का प्रत्येक अणु ही युगल के ह्रदय मे उठी रस तरंग को चित्रित करता हुआ युगल सुख वर्धन करता रहता है। ऐसे ही आज युगल सरकार एक विशाल सरोवर के सम्मुख खडे है,निरख रहे ...
प्रभात का समय।युगल सरकार शैय्या पर उठ बैठे है।सखियो ने लाल लाडली को एक ही शॉल औढा रखा है।दोनो परस्पर सिमटे हुए से,गहन से गहन आलिंगित हुए बैठे है। युगल चरण कमल परस्पर एक दूस...
मोरकुटी युगल लीलारस-20 जय जय श्यामाश्याम !! मोरकुटी की पवित्र भजन स्थली पर श्यामा श्यामसुंदर जु झूलन रसक्रीड़ा में निमग्न हंस जोड़े का प्रेमगीत सुन रहे हैं।प्रकृति इस तमाम र...
मोरकुटी युगल लीलारस-19 जय जय श्यामाश्याम !! मयूर मयूरी नृत्य क्रीड़ा से विश्रामित युगल हंस हंसिनी जोड़े के आग्रह को मान कुछ क्षण रूक जाते हैं जिसे देख वृंदा देवी अति प्रसन्न ह...