Skip to main content

जयजय राधिके , अमिता दीदी

जय जय राधिके जय जय कृष्णप्यारी !
जय जय श्यामा जय जय सर्वहितकारी !!

जय जय राधिके जय जय नवल तरंगिणी !
जय जय श्यामा जय जय कृष्णसंगिनी !!

जय जय राधिके जय जय परमपुनीता !
जय जय श्यामा जय जय मृदुल विनीता !!

जय जय राधिके जय जय ब्रजेश्वरी !
जय जय श्यामा जय जय विश्वेश्वरी !!

जय जय राधिके जय जय कीर्ति नन्दिनी !
जय जय श्यामा जय जय श्याम आन्दिनी !!

जय जय राधिके जय जय कंचन वर्णी !
जय जय श्यामा जय जय कलिमल हरणी !!

जय जय राधिके जय जय सुकीर्ति !
जय जय श्यामा जय जय परम् प्रकृति !!

जय जय राधिके जय जय त्रिलोक स्वामिनी !
जय जय श्यामा जय जय कृष्ण आराधिनी !!

जय जय राधिके जय जय परमकृपालिनी !
जय जय श्यामा जय जय परम् दयालिनी !!

नित नित करूँ वन्दन कर जोरी ब्रज ठकुरानी !
नित नित  मैं  गुण  तेरे गाऊँ  कल्याणी !!

Comments

Popular posts from this blog

युगल स्तुति

॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...

वृन्दावन शत लीला , धुवदास जु

श्री ध्रुवदास जी कृत बयालीस लीला से उद्घृत श्री वृन्दावन सत लीला प्रथम नाम श्री हरिवंश हित, रत रसना दिन रैन। प्रीति रीति तब पाइये ,अरु श्री वृन्दावन ऐन।।1।। चरण शरण श्री हर...

कहा करुँ बैकुंठ जाय ।

।।श्रीराधे।। कहाँ करूँ वैकुण्ठ जाए.... जहाँ नहीं नंद, जहाँ नहीं यशोदा, जहाँ न गोपी ग्वालन गायें... कहाँ करूँ वैकुण्ठ जाए.... जहाँ नहीं जल जमुना को निर्मल, और नहीं कदम्ब की छाय.... कहाँ ...