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Showing posts from October, 2016

अचरत बृज कौ जन-जन , मंजु दीदी

अचरत बृज कौ जन-जन देखि गिरि रूप चकित हुलसत मन। करत नमन श्यामसुंदर बृजवासिन संग। प्रभु आज हौं सब देख्यौ साक्षात रूप गोबरधन। अज्ञ अनजान हम,ज्ञान दियौ नंदनंदन, हुवै दरसन। हम...

कान्हा और मित्र मण्डली , अमिता दीदी

कान्हा और मित्र मण्डली ~~~~~~~~~~~~~ एक बार कान्हा जू का प्यारा सखा मधुमंगल उनसे रुष्ट हो जाता है। उनसे कहता है कान्हा तुम सब सखाओं से प्रेम करते हो और उनको सब मिष्ठान खिला देते हो। मे...

युगल रूप , अमिता दीदी

युगल रूप ~~~~~ एक सखी बहुत सुंदर पायल लेकर स्वामिनी जू की सेवा में जाती है। मन में यही भाव आहा ! आज तो मेरे अहोभाग्य मुझे श्री जू के चरण छूने का सुअवसर मिल रहा । श्री जू के कोमल चरणों...

नृत्य प्रतियोगिता , अमिता दीदी

नृत्य प्रतियोगिता ~~~~~~~~ एक बार श्यामसुन्दर के मन में श्री किशोरी जू और उनकी सभी सखियों का नृत्य देखने की इच्छा हुई। नटखट कान्हा अपने सखाओं से बोले यदि हम एक नृत्य प्रतियोगिता...

राधा पूछे राधा कौन , अमिता दीदी ।

राधा पूछे राधा कौन ~~~~~~~~~~~ एक बार श्री राधा अपनी सखियों के संग यमुना किनारे बैठी होती हैँ। सभी सखी आपस में श्री राधा और श्यामसुन्दर के प्रेम की बातें करती हैं। कोई कहती है राधा के...

जयजय राधिके , अमिता दीदी

जय जय राधिके जय जय कृष्णप्यारी ! जय जय श्यामा जय जय सर्वहितकारी !! जय जय राधिके जय जय नवल तरंगिणी ! जय जय श्यामा जय जय कृष्णसंगिनी !! जय जय राधिके जय जय परमपुनीता ! जय जय श्यामा जय ज...

कान्हा और मित्र मण्डली , अमिता दीदी

कान्हा और मित्र मण्डली ~~~~~~~~~~~~~ एक बार कान्हा जू का प्यारा सखा मधुमंगल उनसे रुष्ट हो जाता है। उनसे कहता है कान्हा तुम सब सखाओं से प्रेम करते हो और उनको सब मिष्ठान खिला देते हो। मे...

सचिन जी द्वारा राधा जी का रूप

[10/18, 11:23 AM] sachin Bhai dasi fb: क्रम से समझते हैं।श्रीमती राधारानी भगवान की स्वरुप-भूता ह्लादिनी शक्ति है(मन को प्रसन्नता देनेवाली सात्विकी शक्ति) ये श्री कृष्ण को सुख प्रदान करती हैं।इसलिए इस ...

श्री बंशीवट महारासलीला स्थली, वृन्दावन....

श्री बंशीवट महारासलीला स्थली, वृन्दावन.... "वृंदावन सो वन नहीं, नन्दगाँव सो गाँव, बंशीवट सो वट नहीं, श्रीकृष्ण नाम सो नाम" पुष्टिमार्ग संप्रदाय के संस्थापक आचार्य श्रीमद् वल...

युगल की विचित्र स्थिति , अमिता दीदी

युगल की विचित्र स्थिति ~~~~~~~~~~~~ कान्हा एक वृक्ष के नीचे बैठे हैं। उनके हाथ में श्री जू का एक चित्र है। उनके मुख पर कोई भाव नहीं है केवल टिकटिकी लगाए चित्र को निहार रहे हैँ। कुछ समय ...