*विदग्धा* "गुन रूप भरी विधिना सँवारी दुहूँ कर कंकन एक एक सोहै। छूटे बार गरैं पोति दिपति मुख की जोति देखि देखि रीझे तोंहि प्रानपति नैन सलौनी मन मोहै।। सब सखीं निरखि थकित भईं आ...
* आजु कुंजन में होरि * -रंगहुलास सखी री...देख कुंजन की सोभा...रसरंग हुलास में भीग रह्यौ...चंदन अबीर गुलाल...री निरख कस्तूरी अंगराग घुह्लयौ...चहुं ओर होरि की होर...अहा... निरख सखी...जे रंग भी...
"प्यारी तेरी महिमा वरनी न जाय जिंहि आलस काम बस कीन। ताकौं दंड हमैं लागत है री भए आधीन।। साढ़े ग्यारह ज्यौं औटि दूजे नवसत साजि सहज ही तामें जवादि कर्पूर कस्तूरी कुमकुम के रं...
*आज कुञ्जन माँहिं होरी* यूँ तो श्यामाश्याम का प्रेम निकुञ्ज सदा ही प्रेम रँग से पूरित रहता है, परन्तु आज तो कुछ विशेष ही रँग हुलास हो रहा है। युगल प्रेम रँग भीनी सखियाँ आज उन्...
"प्यारी तेरी महिमा वरनी न जाय जिंहि आलस काम बस कीन। ताकौं दंड हमैं लागत है री भए आधीन।। साढ़े ग्यारह ज्यौं औटि दूजे नवसत साजि सहज ही तामें जवादि कर्पूर कस्तूरी कुमकुम के रं...
"ऐसेई देखत रहौं जनम सुफल करि मानौं। प्यारे की भाँवती भाँवती के प्यारे जुगल किसोरहि जानौं।। छिनु न टरौ पल होहु न इत उत रहौ एक तानौं। श्रीहरिदास के स्वामी स्यामा कुंजबिहारी...