मोरकुटी युगल लीला-14 जय जय श्यामाश्याम !! अप्राकृत लीला राज्य का असर प्राकृत राज्य पर होना स्वाभाविक ही है।मधुर राग छिड़ते ही जैसे प्रकृति नाच उठी और जैसे जैसे मधुर राग गहरा...
मोरकुटी युगल रसलीला -13 जय जय श्यामाश्याम !! परस्पर श्यामा श्यामसुंदर जु के सुखरूप रसिक भ्रमर रस लालसा हेतु भाव बन युगल में प्रवेश पाकर स्वयं रस जड़ता को प्राप्त होते हैं।भ्...
प्रेम डगर चल दी पगली नेम कर्म ना जानू कुछ इश्क इश्क में बह गई रीत बिपरीत पहचानु ना राह फुलवारी पद पथरीले उलझ उलझ थक जाऊँ सरस सुराही में दो रंग जैसे जल जल घुल जाती हूँ प्रेम के ...
मोरकुटी रसलीला-12 जय जय श्यामाश्याम !! अनवरत रस प्रवाह मोरकुटी की पावन भजन स्थली पर।समय जैसे ठहर सा गया है।सखियों के लिए ये पल हृदयांकित होकर स्थिर हो गए हैं ।श्यामा श्यामस...
मोरकुटी युगल रसलीला-11 जय जय श्यामाश्याम !! पूर्वार्द्ध शरद ऋतु में याद सजन की इतनी बढ़ती जाती है ऊपर से शीतल हवा झौंकों संग विरह की अग्न जलाती है याद करके पूर्व स्मृतियाँ मै...
प्यारी जू के नैन ~~~~~~~~ श्यामा श्यामसुन्दर का मुख कमल अपने करों से स्पर्श करती हैं । आहा ! प्रियतम आपकी ये मुख छवि दिन प्रतिदिन नई नई लगती है। जैसे आपको निहारती ही रहूँ। मेरा हृदय ...
मोरकुटी युगलरस लीला-10 जय जय श्यामाश्याम !! नित्य निकुंज श्री मोरकुटी की पावन धरा पर मयूर मयूरी स्वरूप नृत्य क्रीड़ा करते युगल अप्राकृत कमल पुष्प पर पराग कणों की सेज पर सखी ...
मोरकुटी युगल लीलारस-9 जय जय श्यामाश्याम !! श्री किशोरी जु मयूर मयूरी नृत्य दर्शन करतीं भाव विभोर हुईं स्वयं उनके रंग में रंगी नृत्य करने लगीं और श्यामा जु की भाव दशा पर श्या...