Skip to main content

भुलिया तोमारे सँसारे

भुलिया तोमारे संसारे आसिया
पेये नाना विध ब्यथा
तोमारे चरणे असियाची आमी
बोलिबो दुखहेरे कथा
भुलिया...

जननी जठरे छिलाम जखोना
भीष्म बंधन पासे
एक बार प्रभु देखा दिया मोरे
वांछिले दिन दासे
भुलिया....

ताखोना भावेनु जन्म पाया
कोरिबो भजन तव
जन्म होइलो पड़ी माया जाले
ना होइलो ज्ञान लव
भुलिया....

आधरेरे छेले स्व जनेरे कोले
हसिया कटानु काला
जनक जननी स्नेहते भुलिया
संसार लागेलो भालो
भुलिया......

क्रमे दिन दिन बालक होइया
खेलिनु बालक सहा
आर किछु दिने ज्ञान उपजिलो
पाठ पौढ़ी आहार अहा
भुलिया.....

विद्यार गौरवे भृमि देसे देसे
धन उपर्जन करि
स्वजन पालन कोरि एक मने
भुलिनो तोमारे हरि
भुलिया......

बारदखेये एखोना भक्तिविनोदा
कानदिया कातर अति
ना भाजिया तोरे वृथा दिन गेलो
एखौना की होवै गति
भुलिया .......

Comments

Popular posts from this blog

युगल स्तुति

॥ युगल स्तुति ॥ जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे। जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा, जय कृष्णा जय श्री कृष्णा॥ श्यामा गौरी नित्य किशोरी, प्रीतम जोरी श्री राधे। रसिक रसिलौ ...

वृन्दावन शत लीला , धुवदास जु

श्री ध्रुवदास जी कृत बयालीस लीला से उद्घृत श्री वृन्दावन सत लीला प्रथम नाम श्री हरिवंश हित, रत रसना दिन रैन। प्रीति रीति तब पाइये ,अरु श्री वृन्दावन ऐन।।1।। चरण शरण श्री हर...

कहा करुँ बैकुंठ जाय ।

।।श्रीराधे।। कहाँ करूँ वैकुण्ठ जाए.... जहाँ नहीं नंद, जहाँ नहीं यशोदा, जहाँ न गोपी ग्वालन गायें... कहाँ करूँ वैकुण्ठ जाए.... जहाँ नहीं जल जमुना को निर्मल, और नहीं कदम्ब की छाय.... कहाँ ...