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Showing posts from September, 2016

युगल प्रेम भाव भाग-5 , संगिनी

युगल प्रेम भाव-5 "मेरे दिल की कभी धड़कन को समझो या ना समझो तुम मैं लिखती हूँ मोहब्बत ️पे तो इकलौती वजह तुम हो तुम" मोरपंख पंचरंग लंहगा चोली सजी हैं राधे आज लगती बड़ी अलबेली भोली स...

युगल प्रेम भाव संगिनी भाग 2

युगल प्रेम भाव-2 "तयशुदा मुलाक़ातों में वो बात नहीं बनती क्या ख़ूब था राहों में अचानक सामने से आना तेरा" हाँ सच ही तो कहाँ कब तन्हा रखा तूने मुझे मेरे एकांत में सदा संग आनंद बन ...

युगल प्रेम भाव भाग 4 , संगिनी

युगल प्रेम भाव-4 "मत मेरे दिल से पूछो ये प्रेम की कहानी विरहा की पीर जाने जो विरहा की दीवानी घनश्याम के विरह में ये दिल हुआ दीवाना परवाह क्या किसी की रूठे जो ये जमाना" आज निकुंज ...

युगल प्रेम भाव संगिनी भाग 2

युगल प्रेम भाव-2 "तयशुदा मुलाक़ातों में वो बात नहीं बनती क्या ख़ूब था राहों में अचानक सामने से आना तेरा" हाँ सच ही तो कहाँ कब तन्हा रखा तूने मुझे मेरे एकांत में सदा संग आनंद बन ...