झूमका बिहारिणी देवजू March 28, 2019 मेरे पिय प्यारी कौ झूमका सखि कहत परस्पर प्रेम। लाल बलि लाड़िली हो। ए दोऊ निमिष न बीछुरैं सखि इन्हैं प्रेम कौ नेम।।1।। प्रथम लड़ैती गाइहौं जाकौ श्रीवृंदावन धाम। पुनि रसिक र... Read more
हरिरिह ब्रजयुवतीश संगे। March 20, 2019 अष्टपदी – गुसांईं जी हरिरिह ब्रजयुवतीश संगे। विलसित करिणीगणवृतवारणवर इव रतिपतिमानभंगे॥ विभ्रमसंभ्रमलोलविलोचनसूचितसंचितभावं। कापि दृगंचलकुवलयनिकरैरंचति तं क... Read more