.........ब्रजरज: वन्दना....................
_____________________________________
.
सुख सम्पत्ति: रस दम्पत्ति,कामौ अजेय काम: पिडित:।
सुर नर मुनादि: पूजित:,प्रणामि शुद्ध ब्रजरज:।।१।।
.
( काम के लिए अजेय होकर भी सदैव कामुक रहने वा...
.................प्रीति: याचनां..…........... ___________________________________ . गोपाधिराज नंदना ,सुता यशोदा चन्दनां। गोपागंना सर्व पति,उरऽजति निकुंज मम्।।१।। (हे समस्त गोपो के राजा के नंदन अर्थात पुत्र एवं यशोदा के पुत्र,...