प्रियाहियमणि - पियचरन , सन्गिनी जू January 25, 2019 *प्रियाहियमणि* - पियचरन "धन्य सुहाग अनुराग री तेरौ तू सर्वोपरि राधे जू रानी। नख सिख अंग अंग बानी प्रीतम प्रान समानी रसिक किसोर सुरति सुख दानी।। को जानें वरने बपुरा कवि अद्भ... Read more
बेनी श्रृंगार , स्ँगिनी जू January 25, 2019 *बेनी श्रृंगार* "बेनी गूँथि कहा कोऊ जानें मेरी सी तेरी सौं... बिच बिच फूल सेत पीत राते को करि सकै एरी सौं..." सखी हिय की एकहूँ लालसा...प्यारीपिय जू सदैव मिले भरेपुरे रहें...आरसी सम्मु... Read more