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Showing posts from 2020

उड़ी हुई सुगन्ध , तृषित

*उड़ी हुई सुगन्ध* भीतर के चन्दन स्वरूप श्रीयुगल रसिले है सो भीतर चन्दन को घीसा नहीं जाता फुलवत गीली मधुरिमा उसे अन्य ताप स्पर्श से सुगन्ध होकर उड़ती है ।  अर्थात भीतर चन्दन घी...

कृष्णअनुरागिनी राधा

कृष्णअनुरागिनी राधा कृष्णानुरागिनी श्रीराधा कृष्णसुवासिनी श्रीराधा कृष्णमाधुरी श्रीराधा कृष्णसागरी श्रीराधा कृष्णामहोदधि श्रीराधा कृष्णपयोधि श्रीराधा कृष्...

जयजय रससारिणी राधा राधा

जयजय रससारिणी *जयजय रससारिणी राधा राधा* *जयजय रसविस्तारिणी राधा राधा* *जयजय नवलकिशोरी राधा राधा* *जयजय विमलमाधुरी राधा राधा* *जयजय श्रीकुंजबिहारणी राधा राधा* *जयजय मृदुल सल...